नौकरी या बिजनेस दोनों में बेहतर क्या हैं

“नौकरी या बिजनेस” दोनों मेंं बेहतर क्या? आज की तारीख में यह बताना मुश्किल है। अच्छी नौकरी ढूंढ लेना और बिजनेस को सही से जमा लेना, दोनों ही बड़े चुनौतीपूर्ण काम हैं।

परंतु नौकरी मिल जाए और बिजनेस जम जाए तो दोनों को कंटिन्यू करना (जारी रखना) सरल हो जाता है। “नौकरी या बिजनेस” दोनों में कड़ी मेहनत और संघर्ष तो बराबर ही करना पड़ता है।

निस्संदेह “नौकरी और बिजनेस” दोनों की अपनी अलग-अलग विशेषताएं और अलग-अलग मजे हैं। महत्वपूर्ण तो यह है कि इनमें से आपको क्या पसंद तथा मजेदार लगता है।

नौकरी या बिजनेस दोनों मेंं बेहतर क्या है

नौकरी करना अच्छा है या फिर बिजनेस करन यह जानने के पहले इन बुनियादी बातों को भी समझना आवश्यक है।

जीवन व्यापन हेतु पैसे कमाने के लिए किये गए आर्थिक काम को रोजगार वृत्ति आजीविका या करियर कहते हैं।

यह तो निश्चित ही है कि जीने के लिए पैसे कमाना सभी की प्राथमिक जरूरत है। इसके दो तरीके हैं।

पहला तरीका है, खुद के लिए काम करके पैसे कमाना। इसे ही बिजनेस करना (व्यवसाय करना) कहते हैं।

दूसरा तरीका है, दूसरों के लिए काम करके पैसे कमाना। इसे ही नौकरी करना सर्विस (जाब करना) कहते हैं।

हर व्यक्ति अपनी आजीविका के लिए नौकरी अथवा बिजनेस में किसी एक या दोनों को भी चुन सकता है।

नौकरी और उसकी विशेषताएं क्या है

  • नौकरी करना मतलब पैसे कमाने के लिए किसी संस्थान या दूसरे व्यक्ति का कार्य वेतन या मजदूरी पर करना।
  • आप जिस संस्थान या व्यक्ति के लिए काम करेंगे, वे आपके स्वामी मालिक या बॉस (Boss) होंगे।
  • उनके अधिनस्थ आप काम करेंगे। आपको अपने बास मालिक के आदशों का पालन करना होगा।
  • आप उनके नौकर/ कर्मचारी कहलाओगे। मालिक आपके काम करने का समय निर्धारित करेगा।
  • वह काम के बदले तयशुदा समय में आपको पैसे देगा। इन पैसों को मजदूरी वेतन या तनखा कहते हैं।
  • तयशुदा समय साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक भी  हो सकता है।
  • काम पसंद ना आने पर मालिक आपको नौकरी से निकाल  सकता है।

नौकरी में दो तरह के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।

1). सरकारी नौकरी (Government Jobs)

इसमें केन्द्र एवं राज्य सरकार तथा उनके आदेश अनुसार गठित संस्थानों में नौकरी करना होता है

जैसे :- सेना, रेलवे, पोस्ट आफिस, बैंक, केन्द्र तथा राज्य सरकार के प्रशासनिक विभाग निगम पब्लिक लिमिटेड कंपनी आदि।

इनमें प्रशासकीय तकनीकी अधिकारी कर्मचारी सहायक विभिन्न पदों पर नियुक्ती प्राप्त की जा सकती है।

ये संस्थान सरकार द्वारा बनाए गए नियम एवं कानून से नियंत्रित होते हैं। इसमें सब पूर्व निर्धारित होता है।

किसे क्या करना है? कैसे करना है? कब करना है? इसमें आपको ज्यादा सोचने की  जरूरतनहीं होती है।

सरकारी नौकरी में कार्यरत कर्मचारियों को शुरू से ही बढिया वेतन तथा सुविधाएं भी मिलती हैं।

यहां काम का समय निर्धारित रहता है। आराम के लिए इन संस्थानों में अवकाश देने का भी नियम होता है।

इस नौकरी में कुछ अवसर पदोन्नति के भी मिलते हैं।

सेवानिवृत्त होने पर जीवनपर्यंत कुछ पैसे भी दिए जाते हैं। जिसे पेंशन कहते हैं।

कुल मिलाकर सरकारी नौकरी बढियां मानी जाती है

एक बार सरकारी नौकरी में नियुक्ती मिलने पर नौकरी से आसानी से नहीं निकाला जा सकता।

सरकारी नौकरी मिल जाने पर आपका भविष्य सुरक्षित हो जाता है। इसे समाज में अच्छी नजर से देखता है।

इसी लिये सभी लोगों की पहली पसंद सरकारी नौकरी होती है।

सभी लोग इसे ही प्राथमिकता के आधार प्राप्त करना चाहते हैं।

2). प्राइवेट नौकरी (Private Jobs)

प्राइवेट नौकरी से आशय निजी कंपनी, मल्टी नेशनल कं. अन्य व्यवसायिक संस्थानों में काम करना से है।

इन संस्थानों के अपने अलग-अलग नियम एवं कानून होते हैं। इन संस्थानों में नौकरी में कम प्रतिस्पर्धा है।

भले ही इसमें शुरू में वेतन थोड़ा कम मिले। परंतु आगे इसमें असीमित विकास के अवसर उपलब्ध  होते हैं।

नियोक्ता आपकी मेहनत व सृजनशीलता को कभी भी नजरअंदाज नहीं करता।

वह आपको वेतन भी आपके द्वारा किए गये काम के अनुसार बढ़ाता जाता है।

वर्तमान नियोक्ता पैसे बढाने में असमर्थ हो तो आपके पास दूसरी नौकरी करने का विकल्प खुला होता है।

यहां प्रतिभाशाली एवं प्रदर्शन उन्मुखी व्यक्ति आसानी से  चयनित हो जाते हैं।

सरकारी नौकरी की अपेक्षा यहां शीघ्र उन्नति एवं आगे बढ़ने के ज्यादा अवसर मिल सकते हैं।

प्राइवेट नौकरी में  काम में आलस लापरवाही बिल्कुल बरदाश्त नहीं की जाती है।

किसी भी गलती पर आपको नौकरी से तुरंत निकाला जा सकता है।

कुछ समय पूर्व तक सरकारी नौकरी श्रेष्ठ मानी जाती थी। परन्तु अब प्राइवेट नौकरी करना बेहतर हो गयाहै।

बिजनेस और उसकी विशेषताएं क्या है

  • बिजनेस करना मतलब पैसे कमाने के लिए स्वयं का कार्य करना।
  • लाभ कमाने के लिए धन तथा श्रम की मदद से खुदका काम व्यवसाय शुरु करने को बिजनेस करना कहते हैं।
  • इसमें व्यापार सेवा उद्योग शामिल हैं
  • बिजनेस में धन लगाने वाला ही बिजनेस का मालिक या स्वामी होता है।
  • वही बिजनेस में हुए फायदे या नुकसान की जोखिम उठाता है।
  • बिजनेस में अपने आईडिया और कौशल से धन कमाया जाता है।
  • इसमें शुल्क लेकर जरूरतमंदों को वस्तु या सेवा उपलब्ध कराई जाती है।

बिजनेस में स्वयं की इच्छा अनुसार काम का समय तय किया जा सकता है।

बिजनेस में जो भी कमाई होगी वह पूरी आपकी होगी।

“नौकरी या बिजनेस” में अंतर

नौकरीबिजनेस
नौकरी में आपको किसी संस्थान अथवा दूसरे व्यक्ति के लिये काम करना होगा।बिजनेस में आपको स्वयं के लिए कार्य करना होगा।
नौकरी में आपको तयशुदा समय पर पारिश्रमिक स्वरूप एक निश्चित राशि ही प्राप्त हो सकेगी।बिजनेस में आप जब चाहें तब जरूरत अनुसार राशि प्राप्त कर सकेंगे।
आप नौकरी में किसी संस्था या दूसरे व्यक्ति के आधीन होकर काम करेंगे। वह संस्था या व्यक्ति आपका मालिक होगा।बिजनेस में आप स्वयं के मालिक रहोगे। मनमर्ज़ी अनुसार काम कर सकेंगे
नौकरी में आपके कार्य का समय कोर्इ संस्थान या दूसरा व्यक्ति तय करेगा। जिसे आपको कड़ाई से मानना होगा।बिजनेस में आपके कार्य का समय आप स्वयं निर्धारित करेंगे। जरूरत अनुसार बदलाव कर सकेंगे।
नौकरी में आपको किसी संस्थान या दूसरे व्यक्ति द्वारा स्वीकृत दायरे में आदेशानुसार कार्य करना होगा।बिजनेस में आप सृजनशीलता से स्वतंत्रतापूर्वक काम कर सकेंगे
नौकरी में संस्था अथवा मालिक अपनी जरूरतों के अनुसार आपके तबादले कर सकते हैं।बिजनेस में आपको तबादलों का कोई डर नहीं होगा।
आपकी नौकरी में  सेवा निवृत्ति की आयु तय होगी।बिजनेस में आप जब तक चाहें कार्य कर सकेंगे।
आपको नौकरी में विस्तार के अवसर कम ही मिलेंगे।बिजनेस में विस्तार के अनेकों अवसर प्राप्त होंगे।
नौकरी में आपकी नौकरी को आपका पुत्र भी जारी (कंटिन्यू ) नहीं रख पाएगा।बिजनेस को आपके बाद आपका पुत्र तथा उसके बाद भी पीढी दर पीढी जारी (कंटिन्यू) रख सकेंगे।
नौकरी में ऐसा संभव है कि आपको कभी भी काम से बाहर निकाल कर बर्खास्त किया जा सकेगा।आपके बिजनेस से आपको कोई भी कभी भी बर्खास्त नहीं  कर सकेगा।
आप नौकरी में  कभी भी दूसरों को रोजगार उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं रहोगे।बिजनेस में आप दूसरों को रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे।
नौकरी में आपको किसी तरह के निवेश की कभी भी आवश्यकता नहीं होगी।बिजनेस में आपको हर तरह का निवेश करने की आवश्यकता होगी।
आपको नौकरी में कभी भी किसी तरह की जोखिम उठाने की आवश्यकता नहीं होगी।बिजनेस में आपको जोखिम भी उठाना होगा एवं समय समय पर हानि भी वहन करना होगा।
आपका नौकरी में दायित्व और जवाबदेही सीमित होगी अथवा बिल्कुल भी नहीं होगी।बिजनेस में आपका दायित्व एवं जवाबदेही बहुत अधिक एवं असीमित होगी।
नौकरी में आपको पहले माह से ही वेतन मिलना शुरू हो जावेगा।बिजनेस में लाभ की स्थिति आने के लिए आपको लंबे समय तक इंतजार भी करना पड़ सकता है।
नौकरी में प्रतिवर्ष आपकी निश्चित आय में कुछ नाम मात्र राशि वेतनवृद्धि स्वरूप बढ़कर प्राप्त होती रहेगी।बिजनेस में ऐसा नहीं होगा। परंतु एकाएक कोई सुअवसर प्राप्त होने से लाखोंं की आमदानी हो जाएगी।

ये संभावना नौकरी में कभी भी प्राप्त नहीं हो सकेगी।

1. नौकरी में बिजनेस की अपेक्षा आपको हमेशा सीमित आमदनी ही हो पाती है। फलस्वरूप आपके पास सदैव सीमित पैसा रहता है। इस कारण आप चाहते हुए भी खुलकर खर्च नहीं कर पाते हैं।

2. नौकरी में आपसे कोई कार्यविशेष ही करवाया जाता है  जिससे बेशक आप उक्त कार्यविशेष में माहिर हो जाते हैं परंतु इस तरह से आपका सीमित विकास ही हो पाता है आप अन्य सभी कार्यों में रिस्क लेने की क्षमता खो देते हैं

जबकि बिजनेस में आपके जिम्मे समस्त कार्य होते हैं, जिससे आपका चहुंमुखी विकास हो जाता है। आपकी प्रबंधन एवं निर्णय क्षमता बढ जाती है आप सदैव अधिक रिस्क लेने के लिए तत्पर रहते हैं।

3. नौकरी में आप अपने जिम्मे का काम कर टेन्शन फ्री (तनाव मुक्त) हो जाते हैं।

जबकि बिजनेस की सफलता आपके अपने परफॉर्मेंस (कार्य संपादन) पर निर्भर होती है जिससे आप पर हमेशा तनाव बना रहता है।

उपरोक्तानुसार नौकरी और बिजनेस दोनों की अपनी अलग अलग विशेषताएं हैं।

अब आपके लिए “नौकरी या बिजनेस “दोनों में बेहतर क्या यह तय करने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

परंपरागत रोजगार एवं वर्तमान स्थिति

प्राचीन काल में हमारे देश में कृषि कार्य को सबसे उत्तम माना जाता था। व्यवसाय को मध्यम श्रेणी का कार्य तथा नौकरी करना सबसे  निकृष्ट कार्य माना जाता था।

हर परिवार का पारंपरिक पेशा था। कृषक का पुत्र कृषि, बनिये का पुत्र वैश्य, ब्राह्मण का पुत्र पुरोहित बनता था। इसी तरह लोहार का पुत्र लोहारी कुम्हार का पुत्र कुम्हारी एवं अन्य सभी लोगों का अपना व्यवसाय था

बचपन से घर में ही सभी को अपने पेशे का प्रशिक्षण मिल जाता था। यानि हर घर आईटीआई ही था। दो दशक पूर्व तक नौकरी को अधिक महत्व दिया जाने लगा था। उस समय यह सरलता से मिल भी जाती थी।

नौकरी करना आसान भी था। इसलिए इसे करना सबकी पहली पसंद बन गया था। वर्तमान में विज्ञान एवं तकनीकी विकास ने नौकरियों के अवसर काफी कम कर दिए हैं। प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है।

इस कारण लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। मालिकों में शोषण की पृवत्ति बढ़ गई है। पर्याप्त वेतन नहीं दे रहे। विज्ञान एवं तकनीकी विकास से उपलब्ध कुछ सुविधाओं से बिजनेस करना भी काफी आसान हो गया है।

अब युवावर्ग की नौकरी में रुचि कम हो गई है

अधिकांश लोग अपना बिजनेस शुरू करने हेतु उत्सुक हैं। अब तो परंपरागत बिजनेस का स्थान आनलाइन बिजनेस ने ले लिया है। जो पूरे विश्व में लोकप्रिय हो गया है।

1. क्या आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बिजनेस वाली है।

यदि आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बिजनेस वाली है। परिवार में पूर्व से ही स्थापित बिजनेस है, तो आपके पास बहुत बढ़िया अवसर है। आप उसमें शामिल हो सकते हैं।

आपके पास उक्त बिजनेस के विस्तार का विकल्प भी उपलब्ध है। आप अपनी रुचि अनुसार नया बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं।

2. क्या आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि नौकरी वाली हैं।

आज 95% लोगों की मानसिकता नौकरी करनेवाली है। अधिकांश पालक चाहते हैं कि पढ़ाई पूरी होने पर उनके बच्चों को एक अच्छी सी नौकरी मिल जाए।

यदि आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि नौकरीवाली है। परिवार के लोग नौकरी करते हैं तो वे आपको भी नौकरी ही करने की सलाह देंगे वे तर्क देंगे की पढ़ लिख कर नौकरी ही करना चाहिए।

बिजनेस करना तो अनपढ़ लोगों का काम है। बिजनेस के  लिए बहुत पैसा लगेगा। आप उसमें फेल हो जाएंगे। उपरोक्तानुसार स्थिति में आपके लिए त्वरित विकल्प नौकरी करना ही उत्तम होगा।

यहां मेरी व्यक्तिगत सलाह होगी आप बिजनेस करने का विचार नहीं छोड़ें। नौकरी से प्राप्त रकम से कुछ बचत करना शुरू कर दें। पार्ट टाइम बिजनेस की प्लानिंग पर भी कर सकते हैं।

3. क्या आप जानते हैं उच्च शिक्षा एवं बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रशिक्षण एवं ऋण सुविधा भी उपलब्ध है।

  1. “नौकरी या बिजनेस” दोनों में से पसंदीदा को करियर बनाने में सरकार भी युवाओं की मदद हेतु प्रयत्नशील है।
  2. आपको किसी क्षेत्र विशेष में शिक्षा और ट्रेनिंग चाहिए है तो इसके लिए सभी सरकारी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
  3. बिजनेस विशेष में आपकी रुचि है तो सरकार द्वारा समस्त मार्गदर्शन की व्यवस्था उपलब्ध है।
  4. अपनी कार्य-कुशलता को विकसित कीजिए। केन्द्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा सैद्धांतिक और क्रियात्मक प्रशिक्षण चलाए जा रहे हैं।
  5. इनमें से प्रमुख विभाग इस प्रकार हैं। मानव संसाधन विकास,औद्योगिक विकास विभाग, रोजगार और प्रशिक्षण विभाग, उद्योग विभाग आदि।
  6. आपको सेज में भूमि एवं करों में रियायतों के साथ अन्य रियायतें अनुदान प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
  7. बिजनेस शुरू करने हेतु स्थाई एवं कार्यशील पूंजी के लिए सस्ती दरों पर ऋण भी प्रदान किया जाता है।
  8. युवा उच्च शिक्षा अध्ययन पश्चात अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकें इसके लिए शिक्षा ऋण की भी व्यवस्था की है।

4. क्या आपके पास “नौकरी या बिजनेस” दोनों के अवसर उपलब्ध हैं?

  1. सबसे पहले तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि अभी आप किस मुकाम पर हैं।
  2. आपके पास कौन कौन से विकल्प उपलब्ध हैं? इनमें से आपके लिए बेहतर क्या होगा।
  3. यह आपकी शिक्षा, पारिवारिक पृष्ठभूमि, हूनर, रुचि, संसाधनों तथा की जाने वाली मेहनत पर निर्भर रहता है।

5. नौकरी किसे करना चाहि?

  1. ऐसे व्यक्ति जो एक सुरक्षित जीवन जीना चाहते हैं। जो  किसी भी तरह का जोखिम उठाना पसंद नहीं करते।
  2. इस प्रकार के लोगों के लिए नौकरी करना ही उचित होता है। उन्हें हर माह निश्चित वेतन प्राप्त हो जावेगा।
  3. प्रतिमाह निश्चित अवकाश भी मिल जावेंगे। जिससे वे परिवार के साथ अधिक रह पाएंगे।
  4. उन पर अधिक ध्यान दे पाएंगे। इस तरह एक संतुलित जीवन शैली अपना  सकेंगे।

6. नौकरी या बिजनेस” दोनों में बेहतर क्या? नवयुवकों के लिए करियर मार्गदर्शन

  1. अकुशल श्रमिक की नौकरी से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक नौकरियों के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।
  2. इसी तरह फुटपाथी बिजनेस से लेकर टाटा बिड़ला की तरह बड़े बिजनेस मेन बनने के सुअवसर भी उपलब्ध हैं।
  3. किन्तु यह शतप्रतिशत आप पर निर्भर है कि आपने स्वयं को इनमें से किस काम के लिए कितना योग्य बनाया है।
  4. आप अपनी पसंद एवं रुचि अनुसार “नौकरी या बिजनेस” में अपनी आजीविका बना सकते हैं।
  5. यदि आपमें योग्यता है और आप नौकरी करना चाहते हैं तो योग्यतानुसार मनपसंद नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
  6. आप चाहें तो मनपसंद बिजनेस भी प्रारंभ कर सकते हैं।

7. सुअवसर का लाभ जरूर उठाएं।

  1. आप समय का इंतजार कर सकते हैं लेकिन समय कभी भी आपका इंतजार नहीं करेगा।
  2. सही वक्त पर सही निर्णय लें। अन्यथा सिवाय पछतावे के आपके हांथ कुछ नहीं लगाने वाला।
  3. आज  हमारे युवा वर्ग की सबसे बड़ी उलझन यही है कि क्या करें।
  4. नौकरी मिल नहीं रही है। मिल रही है तो उचित वेतन लाभ, पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है।
  5. उचित पारिश्रमिक मिल रहा है तो काम मनपसंद नहीं है।
  6. मनपसंद काम है तो बास ठीक नहीं है।
  7. बिजनेस शुरू करना तो चाहते हैं, परंतु शुरू करने के लिए पास में पैसे नहीं है।
  8. पास में पर्याप्त पैसा तो उपलब्ध है, परंतु बिजनेस करना ही नहीं आता।
  9. क्या आप भी किसी ऐसी ही स्थिति में उलझे हुए हैं।
  10. इस विषय पर हजारों लोगों ने बहुत कुछ लिख रखा है। समय अनुसार इनमें परिवर्तन होते जा रहे हैं।
  11. जितने अधिक लेख आप पढेंगे। उतने अधिक इनमें उलझते जाएंगे। क्योंकि अब ये अद्यतन नहीं रह गए हैं।
  12. लेख में प्रस्तुत अद्यतन जानकारी से आपको सही दिशा निर्देश प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
  13. यदि आपकी आयु अठारह वर्ष हो गई है। आप वयस्क हो गए हैं। आपने बारहवीं  पास की है।
  14. अभी आप अपने लिए शानदार आजीविका का चयन कर सकते हैं। योजनाबद्ध रणनीति अपनाएं।

8. अभी आपके लिए समस्त विकल्प खुले हुए हैं।

  1. यदि आपमें वांछित शारिरिक योग्यता तथा देश सेवा का जज्बा है तो आप सेना में भी भविष्य बना सकते है ं
  2. आपके पास सरकारी विभागों, अस्पतालों, बैंकों, रेलवे, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में, सवेतन व्यवसाय के तौर पर लिपिक अथवा सहायक पद पर नियुक्ती का अवसर है।
  3. इसके लिए आप आवेदन कर प्रवेश परीक्षा पास करने का प्रयत्न चालू रख सकते हैं।
  4. आप चाहें तो आइ टी आई, पोलीटेक्निक, एवं अन्य वाणिज्य संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त कर तकनीकी पद कार्यालय सचिव पद पर भी नियुक्ती प्राप्त कर सकते हैं।
  5. कंप्यूटर के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं इसमें भी अपना भविष्य बना सकते हैं।
  6. पढ़ाई में आपकी रुचि है तो आप आगे अध्ययन शुरू रख सकते हैं। आगे की पढ़ाई आपको उन्नति के बेहतर अवसर उपलब्ध करवा सकती है।
  7. आप डॉक्टर इंजीनियर वैज्ञानिक अधिकारी बन सकते हैं। सरकारी विभाग, बैंक, रेलवे, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अच्छा पद प्राप्त कर सकते हैं।
  8. मैं तो आपको यह सलाह देना चाहूँगा कि उच्च अध्ययन जारी रखते हुए पात्रता अनुसार नौकरी प्राप्त करने की कोसिस भी अवश्य करते रहें।
  9. कारण यह कि उम्र बढ़ने के साथ आपके पास उपलब्ध नौकरियों के विकल्प भी धीरे धीरे कम होते जाते हैं।
  10. बिजनेस शुरू करने के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं होता। इसलिये पहले नौकरी तलाशी जा सकती है।

9. आप सरकारी नौकरी की तलाश शुरू कर सकते हैं।

  1. आपने पढ़ाई पूरी कर ली है, या पूरी करनेवाले हैं। आप में असाधारण प्रतिभा है
  2. तो निस्संदेह आपको सरकारी नौकरी के लिए प्रयत्न करना शुरू कर देना चाहिए।
  3. वर्तमान में इन नौकरियों में चयन होना बहुत कठिन हो गया है।
  4. प्रतिस्पर्धा के अतिरिक्त अन्य कई बाधाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। यथा आरक्षण,सिफारिश रिस्वत।
  5. हां आप कुछ जुगाड़ कर इसे प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं।

10. प्राइवेट नौकरी हेतु कोशिश करें

  1. यदि आपकी प्रवृत्ति विकासोन्मुखी है। आप सृजनशील हैं आप मेहनत कर सकते हैं।
  2. ऐसी स्थिति में आपके लिए प्राइवेट नौकरी करना बेहतर होगा।
  3. कुछ समय पहले केवल सरकारी नौकरी को ही सबसे अच्छी नौकरी माना जाता था। परंतु अब ऐसा नहीं है।
  4. आज अनेक मामलों में सरकारी नौकरी से प्राइवेट नौकरी बेहतर विकल्प है।
  5. बढ़ती उम्र के साथ साथ नौकरी के अवसर भी समाप्त होते जाते हैं।
  6. नौकरी के क्षेत्र में भी मांग और पूर्ति का नियम लागू होता है।
  7. बेरोजगारी तो है ही। आपसे कम पैसों में भी लोग आपका काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
  8. इस कारण लोगों को योग्यता अनुसार पारिश्रमिक नहीं मिल पाता।
  9. ऐसी स्थिति में अनेक लोग नौकरी से खुश नहीं रहते।
  10. मैंने ऐसे भी अनेक लोग देखे हैं, जिन्होंने नौकरी छोड़ दी। बिजनेस शुरू किया। वे उसमें सफल भी हुए।

11. बिजनेस का मन बनाएं

  1. बिजनेस को आप किसी भी उम्र में शुरू कर  सकते हैं।
  2. इसमें आपको शुरुआत मे कड़ी मेहनत एवं संघर्ष करना पड़ेगा।

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